Workmob

एक Environmental Activist & Serial Entrepreneur । सुनिए Dr. Medha Tadpatrikar की प्रेरक कहानी

Episode Summary

सुनिए एक सफल महिला उद्यमी डॉ. मेधा ताड़पत्रीकर के जीवन की प्रेरक कहानी। डॉ. मेधा वर्तमान में ब्लू प्लैनेट एनवायरनमेंटल सॉल्यूशंस लिमिटेड की को-फाउंडर और डायरेक्टर है। साथही ये केशव सीता मेमोरियल फाउंडेशन ट्रस्ट की फाउंडर ट्रस्टी होने के साथही मंत्रा रिसर्च एंड कंसल्टेंट्स प्राइवेट लिमिटेड की डायरेक्टर भी है। आपको बतादें पुणे, महाराष्ट्र में जन्मी और पली-बढ़ी वर्तमान में प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट फील्ड में काम कर रही है।आपको बतादें ये सिलसिला आज से नहीं बल्कि पिछले बारह सालों से चला आ रहा है। जी हाँ डॉ. मेधा ने जब ये पाया कि प्लास्टिक उत्पादों में उपयोग हुए जहरीले रसायन जीव-जंतुओं, मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए एक खतरा है। प्लास्टिक से निकला अपशिष्ट शहर की सुंदरता को खराब कर रहा है और हमारे आस-पास के वातावरण को प्रदूषित कर रहा है। प्लास्टिक उत्पादों के सेवन से कई पशु भी काल का ग्रास बने है। ऐसे में डॉ. मेधा ने इस ज्वलंत मुद्दे को प्रमुखता से उठाया और एक बेहतरीन हल खोज निकाला। जिसके तहत इन्होंने प्लास्टिक के अपशिष्ट को टीसीडी (थर्मो कैटेलिटिक डीपोलीमराइजेशन) प्रक्रिया के माध्यम से ईंधन में परिवर्तित करना प्रारम्भ किया।

Episode Notes

सुनिए एक सफल महिला उद्यमी डॉ. मेधा ताड़पत्रीकर के जीवन की प्रेरक कहानी। डॉ. मेधा वर्तमान में ब्लू प्लैनेट एनवायरनमेंटल सॉल्यूशंस लिमिटेड की को-फाउंडर और डायरेक्टर है। साथही ये केशव सीता मेमोरियल फाउंडेशन ट्रस्ट की फाउंडर ट्रस्टी होने के साथही मंत्रा रिसर्च एंड कंसल्टेंट्स प्राइवेट लिमिटेड की डायरेक्टर भी है। आपको बतादें पुणे, महाराष्ट्र में जन्मी और पली-बढ़ी वर्तमान में प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट फील्ड में काम कर रही है।आपको बतादें ये सिलसिला आज से नहीं बल्कि पिछले बारह सालों से चला आ रहा है। जी हाँ डॉ. मेधा ने जब ये पाया कि प्लास्टिक उत्पादों में उपयोग हुए जहरीले रसायन जीव-जंतुओं, मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए एक खतरा है। प्लास्टिक से निकला अपशिष्ट शहर की सुंदरता को खराब कर रहा है और हमारे आस-पास के वातावरण को प्रदूषित कर रहा है। प्लास्टिक उत्पादों के सेवन से कई पशु भी काल का ग्रास बने है। ऐसे में डॉ. मेधा ने इस ज्वलंत मुद्दे को प्रमुखता से उठाया और एक बेहतरीन हल खोज निकाला। जिसके तहत इन्होंने प्लास्टिक के अपशिष्ट को टीसीडी (थर्मो कैटेलिटिक डीपोलीमराइजेशन) प्रक्रिया के माध्यम से ईंधन में परिवर्तित करना प्रारम्भ किया। नई तकनीकों की सहायता से नवाचार करते हुए डॉ. मेधा ने प्रकृति को स्वच्छ बनाए रखने और वातावरण को शुद्ध रखने के लिए ये जो तरीका अपनाया है, वो हर तरह से फायदेमंद साबित हो रहा है। एक महिला उद्यमी के रूप में अपनी इस व्यावसायिक यात्रा के दौरान डॉ. मेधा ने ऐसे और कई सराहनीय कार्य भी किये और आज समाज में एक बेहतरीन उदाहरण पेश किया है। पूरी कहानी पढ़ें: https://stories.workmob.com/dr-medha-tadpatrikar-social-work

वर्कमोब द्वारा #मेरीकहानी कार्यक्रम के माध्यम से एक नयी पहल शुरू की गयी है जिसके ज़रिये हर कोई छोटे बड़े बिज़नेस ओनर्स अपनी प्रेरक कहानियों को यहाँ सभी के साथ साझा कर सकते है। क्योंकि हर शख्स की कहानी में है वो बात जो जीवन को बदलकर एक नयी दिशा दिखाएगी, और ज़िन्दगी में ले आएगी आशा की एक नयी चमकती किरण। #प्रेरककहानियाँ #डॉमेधाताड़पत्रीकर #महिलाउद्यमी #उद्यमी #ब्लूप्लैनेटएनवायरनमेंटलसॉल्यूशंसलिमिटेड #कोफाउंडर #डायरेक्टर #केशवसीतामेमोरियलफाउंडेशनट्रस्ट #ट्रस्टी #प्लास्टिकवेस्टमैनेजमेंट #पर्यावरण 

जानिए वर्कमोब के बारे में: जुड़िये वर्कमोब पर अपनी कहानी साझा करने और प्रेरणादायक कहानियाँ देखने के लिए। ये एक ऐसा मंच है जहां आप पेशेवरों, लघु व्यापारियों, उद्यमियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की वीडियो कहानियां देख सकते हैं और दूसरों को प्रेरित करने के लिए अपनी व्यक्तिगत और व्यावसायिक कहानी सभी के साथ साझा कर सकते हैं। आपकी कहानी में लोगों को आशा देने, प्रेरणा देने और दूसरों का जीवन बदलने में मदद करने की एक अद्भुत क्षमता है। यह 100% मुफ़्त है। इस लिंक पर क्लिक करें और देखें प्रेरक कहानियां https://stories.workmob.com/

हमारे ऐप्प को डाउनलोड करें: 

Android: https://play.google.com/store/apps/details?id=com.workmob 

iOS: https://apps.apple.com/in/app/workmob/id901802570