सुनिए डॉ. राधिका सेठिया के जीवन की प्रेरक कहानी। आपको बतादें डॉ. राधिका उदयपुर में एसआईपी अबेकस नामक एजुकेशन सेंटर की डायरेक्टर है। इसकी स्थापना इन्होंने वर्ष 2006 में की थी। तभी से ये इस एजुकेशन सेंटर को सफलतापूर्वक संचालित कर रही है। आपको बतादें डॉ. राधिका का हमेशा से बच्चों की तरफ झुकाव थोड़ा ज़्यादा था। ये हमेशा से बच्चों के विकास को लेकर चिंतित थी। उनके लिए कुछ बेहतर करना चाहती थी। ऐसे में जब ये अपनी पीएचडी कर रही थी। तभी इनके मन में शिक्षण क्षेत्र में कुछ अलग करने का विचार आया और तब इन्होंने अबेकस के बारे में काफी रिसर्च करने के बाद, जानकारी जुटाने के बाद 2006 में 'एसआईपी अबेकस' नाम से अपने एजुकेशन सेंटर की स्थापना की। आपको बतादें ये अबेकस एक ऐसा सिस्टम है जो बच्चों में पॉजिटिव एंड रीयलिस्टिक चेंजेस (सकारात्मक एवं यथार्थवादी परिवर्तन) लाता है। जो बच्चों की लर्निंग एबिलिटी के बहुत ज़रूरी होते है। तो इसी विज़न के साथ इन्होंने इस सेंटर को संसाधनों के अभाव में स्थापित किया। शुरुआत में थोड़ा संघर्ष था।
सुनिए डॉ. राधिका सेठिया के जीवन की प्रेरक कहानी। आपको बतादें डॉ. राधिका उदयपुर में एसआईपी अबेकस नामक एजुकेशन सेंटर की डायरेक्टर है। इसकी स्थापना इन्होंने वर्ष 2006 में की थी। तभी से ये इस एजुकेशन सेंटर को सफलतापूर्वक संचालित कर रही है। आपको बतादें डॉ. राधिका का हमेशा से बच्चों की तरफ झुकाव थोड़ा ज़्यादा था। ये हमेशा से बच्चों के विकास को लेकर चिंतित थी। उनके लिए कुछ बेहतर करना चाहती थी। ऐसे में जब ये अपनी पीएचडी कर रही थी। तभी इनके मन में शिक्षण क्षेत्र में कुछ अलग करने का विचार आया और तब इन्होंने अबेकस के बारे में काफी रिसर्च करने के बाद, जानकारी जुटाने के बाद 2006 में 'एसआईपी अबेकस' नाम से अपने एजुकेशन सेंटर की स्थापना की। आपको बतादें ये अबेकस एक ऐसा सिस्टम है जो बच्चों में पॉजिटिव एंड रीयलिस्टिक चेंजेस (सकारात्मक एवं यथार्थवादी परिवर्तन) लाता है। जो बच्चों की लर्निंग एबिलिटी के बहुत ज़रूरी होते है। तो इसी विज़न के साथ इन्होंने इस सेंटर को संसाधनों के अभाव में स्थापित किया। शुरुआत में थोड़ा संघर्ष था। एक छोटे से बैच के साथ इन्होंने अपनी ये जर्नी शुरू की थी। धीरे-धीरे लोग आते गए, कारवां आगे बढ़ता रहा। और आज संघर्ष से शुरू हुई अपनी इस जर्नी को आगे बढ़ाते-बढ़ाते इन्होंने सफल 16 साल पुरे कर लिए है। जी हाँ इनकी सफलता की ये कहानी आज देश के कई युवाओं को प्रेरित कर रही है। पूरी कहानी पढ़ें https://stories.workmob.com/dr-radhica-sethia-education-academia
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