सुनिए झीलों के शहर उदयपुर के रहने वाले कार्तिक साल्वी के जीवन की प्रेरक कहानी। कार्तिक एम.ए.आई. कोचिंग इंस्टिट्यूट के ओनर है और विगत कुछ सालों से अपने बड़े भाई के साथ मिलकर इस कोचिंग इंस्टिट्यूट का सफलतापूर्वक सञ्चालन कर रहे है। आपको बतादें मूल रूप से उदयपुर के रहने वाले कार्तिक साल्वी का बचपन इसी शहर में बिता। यही से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की। बी.कॉम फाइनल ईयर के दौरान करियर में एक अच्छी शुरुआत के साथ इन्होंने अपने इस सफर को आगे बढ़ाया और अपने भाई की कोचिंग एकेडमी को ज्वाइन किया। हालांकि शुरुआत में ये मैनेजमेंट देखा करते थे, और फिर कुछ ही वक़्त बाद इन्होंने पढ़ाना शुरू कर दिया और तब से लेकर अब तक ये अपने इस संस्थान को सफलता के मुकाम पर पहुंचाने के लिए अपने भाई के साथ मिलकर कड़ी मेहनत कर रहे है। । अपने इस पुरे सफर के दौरान इन्हें कई चुनौतियों और संघर्षों का सामना भी करना पड़ा। और कोरोनाकाल में मुश्किलें उस वक़्त इनके लिए और ज़्यादा बढ़ गयी इन्हें अपना संस्थान बंद रखना पड़ा था। जी हाँ उस दौरान इन्हें आर्थिक संकट का सामना भी करना पड़ा था। लेकिन फिर भी कार्तिक ने हर परिस्थिति में सकारात्मक बने रहें और उम्मीद का दामन नहीं छोड़ा।
सुनिए झीलों के शहर उदयपुर के रहने वाले कार्तिक साल्वी के जीवन की प्रेरक कहानी। कार्तिक एम.ए.आई. कोचिंग इंस्टिट्यूट के ओनर है और विगत कुछ सालों से अपने बड़े भाई के साथ मिलकर इस कोचिंग इंस्टिट्यूट का सफलतापूर्वक सञ्चालन कर रहे है। आपको बतादें मूल रूप से उदयपुर के रहने वाले कार्तिक साल्वी का बचपन इसी शहर में बिता। यही से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की। बी.कॉम फाइनल ईयर के दौरान करियर में एक अच्छी शुरुआत के साथ इन्होंने अपने इस सफर को आगे बढ़ाया और अपने भाई की कोचिंग एकेडमी को ज्वाइन किया। हालांकि शुरुआत में ये मैनेजमेंट देखा करते थे, और फिर कुछ ही वक़्त बाद इन्होंने पढ़ाना शुरू कर दिया और तब से लेकर अब तक ये अपने इस संस्थान को सफलता के मुकाम पर पहुंचाने के लिए अपने भाई के साथ मिलकर कड़ी मेहनत कर रहे है। । अपने इस पुरे सफर के दौरान इन्हें कई चुनौतियों और संघर्षों का सामना भी करना पड़ा। और कोरोनाकाल में मुश्किलें उस वक़्त इनके लिए और ज़्यादा बढ़ गयी इन्हें अपना संस्थान बंद रखना पड़ा था। जी हाँ उस दौरान इन्हें आर्थिक संकट का सामना भी करना पड़ा था। लेकिन फिर भी कार्तिक ने हर परिस्थिति में सकारात्मक बने रहें और उम्मीद का दामन नहीं छोड़ा। कुछ ही समय में अपने छात्रों के समर्थन और प्रोत्साहन के कारण इन्होंने अपनी एकेडमी दुबारा खोली और सभी बाधाओं को पार कर एक बार फिर अपनी मंज़िल की ओर एक नया कदम बढ़ाया। आज ये अपनी इस एकेडमी को सफलतापूर्वक संचालित कर रहे है और भविष्य में इसी तरह कामयाबी का एक बड़ा मुकाम हासिल करने के सपने के साथ रोज़ाना कड़ी मेहनत कर रहे है।पूरी कहानी पढ़ें https://stories.workmob.com/kartik-salvi-education-academia
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