Workmob

शिक्षा क्षेत्र में सुधार के लिए बेहतर कार्य करने वाले Headmaster। सुनिए Sher Singh Chauhan की कहानी

Episode Summary

सुनिए एक परोपकारी प्रधानाध्यापक शेर सिंह चौहान के जीवन की प्रेरक कहानी। आपको बतादें शेर सिंह चौहान वर्तमान में एक सरकारी विद्यालय में प्रधानाध्यापक हैं। इनके इस सफर की शुरुआत हुई थी राजस्थान के जालोर के सायला गाँव से, जहां इनका जन्म हुआ। अपनी स्कूली शिक्षा इन्होंने मयूर चोपासनी स्कूल, जोधपुर से प्राप्त की। फिर बीएन कॉलेज, उदयपुर से बी.कॉम और एम.कॉम किया। ये बीएन कॉलेज के छात्र संघ अध्यक्ष भी थे। 1993 में शेर सिंह को पहली पोस्टिंग उदयपुर के परोला गांव के एक प्राइमरी स्कूल में मिली। वहां रहते हुए इन्होंने महसूस किया कि ग्रामीण क्षेत्रों के आदिवासी बहुल इलाकों में संसाधनों की कमी है। इसके बाद ये अलग-अलग जगहों पर तैनात किये गए। जब इन्होंने ये महसूस किया कि दूरस्थ और ग्रामीण क्षेत्रों में संसाधनों की कमी के कारण सरकारी शिक्षकों को काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में इन्होंने छात्रों और शिक्षकों के लाभ के लिए काम करने और उनके भविष्य को उज्ज्वल बनाने के लिए राजस्थान शिक्षक और पंचायती राज कर्मचारी संघ का गठन किया और 2004 में इसके जिलाध्यक्ष बने और शिक्षा के क्षेत्र में जो भी कमियां थीं, सुविधाओं और संसाधनों की कमी थी, उनके लिए शेर सिंह ने दानदाताओं से संपर्क करके वह चीजें उपलब्ध कराईं।

Episode Notes

सुनिए एक परोपकारी प्रधानाध्यापक शेर सिंह चौहान के जीवन की प्रेरक कहानी। आपको बतादें शेर सिंह चौहान वर्तमान में एक सरकारी विद्यालय में प्रधानाध्यापक हैं। इनके इस सफर की शुरुआत हुई थी राजस्थान के जालोर के सायला गाँव से, जहां इनका जन्म हुआ। अपनी स्कूली शिक्षा इन्होंने मयूर चोपासनी स्कूल, जोधपुर से प्राप्त की। फिर बीएन कॉलेज, उदयपुर से बी.कॉम और एम.कॉम किया। ये बीएन कॉलेज के छात्र संघ अध्यक्ष भी थे। 1993 में शेर सिंह को पहली पोस्टिंग उदयपुर के परोला गांव के एक प्राइमरी स्कूल में मिली। वहां रहते हुए इन्होंने महसूस किया कि ग्रामीण क्षेत्रों के आदिवासी बहुल इलाकों में संसाधनों की कमी है। इसके बाद ये अलग-अलग जगहों पर तैनात किये गए। जब इन्होंने ये महसूस किया कि दूरस्थ और ग्रामीण क्षेत्रों में संसाधनों की कमी के कारण सरकारी शिक्षकों को काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में इन्होंने छात्रों और शिक्षकों के लाभ के लिए काम करने और उनके भविष्य को उज्ज्वल बनाने के लिए राजस्थान शिक्षक और पंचायती राज कर्मचारी संघ का गठन किया और 2004 में इसके जिलाध्यक्ष बने और शिक्षा के क्षेत्र में जो भी कमियां थीं, सुविधाओं और संसाधनों की कमी थी, उनके लिए शेर सिंह ने दानदाताओं से संपर्क करके वह चीजें उपलब्ध कराईं। इसके अलावा इनके द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में लड़कियों के लिए बेहतर स्कूल, स्वच्छता सुविधाओं के साथही प्रकृति संरक्षण गतिविधियों के लिए भी कई काम किये है। इनके द्वारा किये गए कार्य बेहद सराहनीय हैं। इनके जीवन की ये कहानी और इनके नेक विचार समस्त देशवासियों को प्रेरित एवं प्रोत्साहित करते हैं। पूरी कहानी पढ़ें https://stories.workmob.com/sher-chauhan-education-academia 

वर्कमोब द्वारा #मेरीकहानी कार्यक्रम के माध्यम से एक नयी पहल शुरू की गयी है जिसके ज़रिये हर कोई छोटे बड़े बिज़नेस ओनर्स अपनी प्रेरक कहानियों को यहाँ सभी के साथ साझा कर सकते है। क्योंकि हर शख्स की कहानी में है वो बात जो जीवन को बदलकर एक नयी दिशा दिखाएगी, और ज़िन्दगी में ले आएगी आशा की एक नयी चमकती किरण। #बनाओअपनीपहचान #प्रेरककहानियाँ #प्रधानाध्यापक #शेरसिंहचौहान #सरकारीविद्यालय #सरकारी #मयूरचोपासनीस्कूल #बीएनकॉलेज #संघअध्यक्ष #ग्रामीण #शिक्षकों #जिलाध्यक्ष 

जानिए वर्कमोब के बारे में: 

जुड़िये वर्कमोब पर अपनी कहानी साझा करने और प्रेरणादायक कहानियाँ देखने के लिए। ये एक ऐसा मंच है जहां आप पेशेवरों, लघु व्यापारियों, उद्यमियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की वीडियो कहानियां देख सकते हैं और दूसरों को प्रेरित करने के लिए अपनी व्यक्तिगत और व्यावसायिक कहानी सभी के साथ साझा कर सकते हैं। आपकी कहानी में लोगों को आशा देने, प्रेरणा देने और दूसरों का जीवन बदलने में मदद करने की एक अद्भुत क्षमता है। यह 100% मुफ़्त है। इस लिंक पर क्लिक करें और देखें प्रेरक कहानियां https://stories.workmob.com/

 हमारे ऐप्प को डाउनलोड करें: 

Android: https://play.google.com/store/apps/details?id=com.workmob 

iOS: https://apps.apple.com/in/app/workmob/id901802570